बीएसएफ ने सुरक्षा के लिहाज से बड़ा फैसला लिया है. बीएसएफ की ओर से बॉर्डर फेंसिंग को अपडेट किया जाएगा. जहां बॉर्डर पर फेंसिंग पुरानी हो गई वहां पर नई फेंसिंग लगाई जाएगी. ये बदलाव बॉर्डर की हर उस लोकेशन पर किया जाएगा जहां फेंसिंग पुरानी हो गई है और जहां BSF की तैनाती है.
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर नई फेंसिंग लगाई जा रही है, उनमें एडवांस सुरक्षा तकनीक भी शामिल हैं. यह फेंसिंग घुसपैठ और अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करेगी.
नई फेंसिंग से BSF को होगा फायदा
बीएसएफ को नई फेंसिंग से निगरानी क्षमता और बेहतर प्रतिक्रिया समय मिलेगा. मॉर्डन और टेक्निकली अपडेटेड फेंसिंग से बॉर्डर की सुरक्षा और भी मजबूत होगी.
नई फेंसिंग की खासियत:
- एंटी-कट डिजाइन:यह फेंसिंग आसानी से नहीं काटी जा सकती, जिससे घुसपैठ करना मुश्किल हो जाएगा
- स्मार्ट तकनीक:इसमें कैमरे, सेंसर और अन्य निगरानी उपकरण शामिल हैं, जो सीमा पर हर हलचल की निगरानी करते हैं
- सीसीटीवी कैमरे:यह फेंसिंग सीसीटीवी कैमरों से लैस है, जिससे बीएसएफ को सीमा पर किसी भी हलचल का पता चल सकता है
- सेंसर:सेंसर का इस्तेमाल घुसपैठ या अन्य संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने के लिए किया जाएगा.
फेंसिंग का मकसद
- घुसपैठ रोकना:यह फेंसिंग घुसपैठ और अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करेगी.
- सीमा सुरक्षा बढ़ाना:यह फेंसिंग सीमा सुरक्षा को मजबूत करेगी और बीएसएफ की निगरानी क्षमता को बढ़ाएगी.
- सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा:यह फेंसिंग सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा में भी मदद करेगी.
कहां-कहां की जाएगी अपडेट
राजस्थान भारत-पाक सीमा पर एक नई फेंसिंग लगाई जा रही है, जिसमें एंटी-कट डिजाइन, सेंसर और कैमरे शामिल हैं. पंजाब में भी नई फेंसिंग लगाई जा रही है, जो घुसपैठ और अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करेगी.
इसके साथ ही जम्मू कश्मीर का LoC रीजन और बांग्लादेश के पास बॉर्डर पर भी पुरानी हो चुकी फेंसिंग को बदला जाएगा. वहीं बॉर्डर पर बीएसएफ को उपलब्ध स्निफर डॉग की संख्या को भी बढ़ाया जाएगा. इससे संदिग्ध वस्तु की पहचान और भी आसान हो जाएगी और रिस्पॉन्स टाइम में कमी आएगी.